फिर वही धार्मिक जुलूस, फिर वही बोलेरो और फिर वही संतलाल आयाम, बगीचा के धार्मिक जुलूस में घुसी बोलेरो, तीन की मौत 25 घायल, नाटू की शहादत को याद कर नम हुईं लोगों की आंखें

मुकेश अग्रवाल
पत्थलगांव। बगीचा के ग्राम जुरूडांड़ में गणेश विसर्जन जुलूस में अनियंत्रित बोलेरो के आ घुसने से 3 लोगों की मौत हो गई वहीं करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए। बगीचा की इस घटना ने पत्थलगांव में दुर्गा विसर्जन जुलूस में अनियंत्रित बोलेरो के घुस जाने की घटना की यादें ताजा कर दी हैं। इस घटना में जशपुर रोड निवासी नाटू अग्रवाल की मौत हो गई वहीं 17 लोग घायल हो गए थे।
मंगलवार की रात 11 बजे थाना बगीचा के ग्राम जुरूडांड़ में गणेश विसर्जन जुलूस निकाला गया था। इसमें गांव के करीब 150 लोग भगवार गणेश की प्रतिमा के साथ नाचते गाते चल रहे थे। अचानक से इस जुलूस में एक अनियंत्रित बोलेरो आ घुसी जिसने भगवान की भक्ति में झूमते श्रद्धालुओं को कुचल दिया। इससे 3 भक्तों की मौत हो गई वहीं करीब 25 लोग घायल हो गए। घटना से कोहराम मच गया। लोगांे को आनन फानन में बगीचा के अस्पताल पहुंचाया गया। यहां कई घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अंबिकापुर के अस्पताल में रिफर किया गया है। इस गंभीर घटना ने जहां धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा को लेकर पुलिस की गंभीरता को एक बार फिर सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। वहीं इस घटना ने पत्थलगांव में दुर्गा विसर्जन जुलूस में हुई दुर्घटना की यादें लोगों के जेहन में ताजा कर दी हैं। 15 अक्टूबर 2021 का वह दिन काली स्मृति के रूप में लोगों के दिलो दिमाग में आज भी स्पष्ट रूप से अंकित है जब एक अनियंत्रित बोलेरो दुर्गा विसर्जन जुलुस में आ घुसा था। बता दें कि दोपहर के करीब 12 बजे का समय था। शहर की सभी समितियों द्वारा प्रतिवर्ष की भांति शहर में माता दुर्गा की प्रतिमाओं की शोभा यात्रा प्रारंभ कर दी गई थी। जशपुर रोड स्थित बाजार पारा दुर्गा उत्सव समिति की शोभा यात्रा भी शुरू हो गई थी। सबसे आगे करमा नर्तक दल था। जिसके पीछे-पीछे श्रद्धालु पारंपरिक परिधानों में सजे धजे माता के भक्तिगीतों की धुनों पर झूमते गाते चल रहे थे। शोभा यात्रा ने कुछ सौ मीटर का फासला ही तय किया होगा कि हरियाणा धर्मशाला के समीप पीछे से आ रही एक अनियंत्रित बोलेरो जुलूस के बीच में आ घुसी और माता की भक्ति में रमे श्रद्धालुओं को कुचलते हुए भाग निकली। घटना से कोहराम मच गया। आनन – फानन में घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। गंभीर रूप से घायल नाटू को मृत घोषित कर दिया गया वहीं अन्य घायलों को मेडिकल काॅलेज के लिए रिफर कर दिया गया। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। लोगों ने मृतक का शव चैक पर रखकर चक्काजाम कर दिया और पूरा शहर दो दिनों तक पूरी तरह बंद रहा। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा मामले में दखल देते हुए दुर्घटना पर अफसोस और संवेदना जाहिर करने तथा मृतक और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा के बाद लोग शांत हुए थे।
संतलाल आयाम ही थे थाना प्रभारी
बगीचा के ग्राम जुरूडांड़ में गणेश विसर्जन जुलूस में बोलेरो के घुस जाने से 3 श्रद्धालुओं की मौत और दर्जनों के घायल होने की घटना ने थाना बगीचा के प्रभारी संतलाल आयाम के साथ एक अनचाहा रिकाॅर्ड जोड़ दिया है। दरअसल पत्थलगांव में दुर्गा विसर्जन जुलूस हुई दर्दनाक घटना के समय संतलाल आयाम ही यहां के थाना प्रभारी थे। उन पर पूरे शहर की कानून और यातायात व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी थी। प्रतिवर्ष इस दिन शहर में निकलने वाले जुलूस और भारी भीड़ को देखते हुए भारी और अन्य मालवाहक वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाता है। ऐसे में तेज रफ्तार बोलेरो को शहर में प्रवेश दिए जाने और इस वाहन में गांजा लदा होने के आरोपों के बीच हुई इस घटना को लेकर थाना प्रभारी संतलाल आयाम पर गंभीर आरोप लगे थे। जिसके बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने उन्हें पत्थलगांव से तत्काल हटा दिया था।
नहीं लिया कोई सबक!
बगीचा के ग्राम जुरूडांड़ में हुई घटना से धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस की गंभीरता पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्थलगांव के लोगों का कहना है कि शहर में दुर्गा विसर्जन जुलूस की दुर्घटना की वीडियो जिसने भी देखा वह कांप उठा। परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि थाना प्रभारी संतलाल आयाम और जिला पुलिस ने शहर में हुई दर्दनाक घटना के बावजूद धार्मिक जुलूसों की सुरक्षा को लेकर कोई सबक नहीं लिया है और जिले में पुनः इसी प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति हो गई है जिसमें श्रद्धालुओं को असमय मौत की नींद सोना पड़ा। और संयोग कहें या लापरवाही बगीचा की घटना भी उन्हीं संतलाल आयाम के क्षेत्र में हुई है। वहीं यह घटना जशपुर एसपी शशिमोहन सिंह के कार्यकाल की सबसे दुखद घटनाओं में गिनी जाएगी जिन्होंने पूरे जिले में कानून व्यवस्था को चाक-चैबंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां तक कि वर्षों से फरार अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने से लेकर गौ तस्करी जैसे संगठित अपराध को रोकने में भी वे सफल रहे हैं जिसने पुराने कई अधिकारियों के पसीने छुड़ा रखे थे। अब देखना है कि वे इस घटना को किस प्रकार लेते हैं खास तौर पर तब जबकि यह घटना खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले में हुई है।