रेत का अवैध उत्खनन-परिवहन, भंडारण कर रहे माफियाबारिश गिरते ही बढ़ा देते हैं रेत माफिया रेत की कीमत
पत्थलगांव/मुकेश अग्रवाल।
– रेत माफिया दिन दुगनी रात चौगनी की तर्ज पर बेखौफ होकर मांड नदी से रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं। इसके कारण किलकिला ,सुरेशपुर ,नारायणपुर ,सुसडेगा समेत अन्य ग्रामीण मार्गो पर सुबह चार बजे से ही तेज रफ्तार से अवैध रेत भरी ट्रेक्टर ट्रालियां देर रात तक दौड़ते देखे जा सकता है। इससे आए दिन हादसे भी हो रहे है। वहीं सामने बरसात का सीजन को देखते हुवे रेत माफिया रेत का अवैध रूप से उत्खनन कर परिवहन के साथ भंडारण करने में जुट गये है। बारिश का सीजन शुरू होने वाला है, जिसके बाद नदी का जल स्तर भी बढ़ जाएगा। जल स्तर बढ़ने के कारण नदी के सभी किनारे भी पानी में डूब जाएंगे, जिसके कारण रेत का उत्खनन होना बंद हो जाएगा। इसे देखते हुए रेत माफिया ने रेत उत्खनन का काम और तेज कर दिया है। बता दे की किलकिला स्थित मांड नदी में कई जगहों से रेत निकालकर गाँव गाँव में रेत का अवैध भंडारण किया जा रहा है। इसकी जानकारी क्षेत्र के अधिकारियों को होने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार गाँव गाँव में कई स्थानों में रेत का अवैध कारोबार करने वाले लोगों द्वारा सड़कों के किनारे और मैदानों में रेत का भंडारण किया जा रहा है।
सबसे मजेदार पहलू यह है कि शासन द्वारा नागरिकों को आवास बनाने के लिए रेत की छूट की गई है इस छूट का फायदा रेत माफिया बारिश गिरते ही उठाने की सोच चुके है रेत माफिया द्वारा जगह-जगह रेत को डंप किया जा रहा है जहां सैकड़ो की संख्या में रेत ट्रेक्टर पड़ी हुई है शासन द्वारा इस तरह रेट डंप किए जाने पर कार्यवाही नहीं किया जाना अनेकों संदेहों को जन्म दे रहा है जबकि शासन द्वारा रेत के भंडारण पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए हैं ।अब देखना यह है कि इन रेत माफियाओं पर शासन द्बारा कब करवाई करता है या यूं ही बारिश में दुगुने दामों पर खरीदने को नागरिक मजबूर होता रहेगा।
पत्थलगांव का एसडीएम आंकांक्षा त्रिपाठी से जब बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि उच्चाधिकारी से निर्देश प्राप्त कर कार्यवाही की जावेगी।