40 करोड के आवासीय विद्यालय मे अब तक नही हुआ विद्यार्थीयों का रैन बसेरा पानी की जटिल समस्या के चलते दो माह बाद भी नही खुला विद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था एकलव्य विद्यालय का उद्धघाटन
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मुकेश अग्रवाल
पत्थलगांव-ःयहा के नजदीक ग्राम सुखरापारा मे लगभग 40 करोड रूपये खर्चकर एकलव्य केन्द्रीय आवासीय विद्यालय का निर्माण किया गया है।
2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विद्यालय का शुभारंभ किया था,शुभारंभ के दो महिने बीत चुके है,परंतु केन्द्र शासन द्वारा निर्मित एकलव्य आवासीय विद्यालय मे अब तक विद्यार्थीयों का रैन बसेरा शुरू नही हो पाया है,जिसके कारण अब अभिभावको के अंदर बच्चो की पढाई को लेकर काफी चिंता देखने को मिल रही है।
ग्राम सुखरापारा के पूर्व सरपंच चिरूराम भगत ने विद्यालय के निर्माण एजेंसी पर सवालियां निशान खडे किये है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दो माह पूर्व विद्यालय का वर्चुअल शुभारंभ कर दिया गया,परंतु निर्माण एजेंसी ने अब भी विद्यालय शुरू होने के संसाधन जुटाने मे कमी कर दी। दरअसल विद्यालय मे पानी की जटिल समस्या बनी हुयी है। निर्माण एजेंसी द्वारा तीन बोर खनन कराने के बाद भी किसी मे पानी नही निकल पाया। भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष एवं ग्रामीण मंडल प्रभारी हरजीत सिंह भाटिया ने निर्माण एजेंसी पर आरोप लगाया है। उनका कहना था कि निर्माण एजेंसी ने विद्यालय शुभारंभ कराने से पूर्व परिसर मे पानी की उपलब्धता की जांच नही करायी,जिसके कारण 40 करोड रूपये से अधिक की लागत खर्च करने के बाद भी विद्यालय का संचालन होने मे ग्रहण लगा हुआ है। दरअसल ग्राम पंचायत सुखरापारा मे पिछले तीन सालो से लगभग 40 करोड रूपये की लागत से केन्द्रीय आवासीय एकलव्य विद्यालय का निर्माण किया जा रहा था,2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन विद्यालय भवन पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका था,जिसके बाद दर्जनो भाजपा के जनप्रतिनिधियों की मौजुदगी मे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से इस विद्यालय का शुभारंभ किया था,परंतु विद्यालय परिसर मे पानी का रत्ती भर भी इंतजाम नही होने के कारण आज तक इस विद्यालय मे एक भी विद्यार्थीयों का रैन बसेरा तैयार नही हो पाया।
400 से अधिक विद्यार्थीयों ने लिया दाखिला-ःएकलव्य आवासीय विद्यालय मे दाखिला लेने वाले अधिकांश छात्र-छात्रायें आदिवासी वर्ग के है। केन्द्रीय विद्यालय का वर्चुअल शुभारंभ होने के कारण 400 से अधिक छात्र-छात्राओ ने यहा अपना दाखिला ले लिया था,परंतु दो माह के बाद भी विद्यालय शुरू ना होने के कारण अब अभिभावको के चेहरे पर चिंता की लकीर दिखने लगी है। वे अपने बच्चो की पढाई को लेकर बेहद चिंतित है,इसके लिए वे भाजपा के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के पास चक्कर लगा रहे है।
गांव के छात्रावास मे लग रहा विद्यालय-ःकेन्द्रीय एकलव्य आवासीय विद्यालय के भवन मे पानी की समस्या रहने के कारण दो अलग-अलग गांव के छात्रावास मे इन दिनो आवासीय विद्यालय संचालित किया जा रहा है। दो अलग-अलग जगह पर विद्यालय संचालित होने के कारण शिक्षा विभाग के साथ-साथ विद्यार्थीयों की भी चिंता बढ गयी है,इस संबंध मे जब बी.आर.सी.सी वेदानंद आर्या ने बात की गयी तो उन्होने पानी की समस्या को लेकर विद्यालय की शुरूवात ना होने पर गहरी चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि भवन बनने के बाद पानी की समस्या के कारण अब भी गांव के छात्रावास मे विद्यालय संचालित किया जा रहा है। जिसके कारण विद्यार्थीयों के साथ-साथ शिक्षा विभाग को भी अनेक तरह की परेशानी उठानी पड रही है
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