पुलिस अधिकारियो ने सड़क में तड़प रहे घायल को अस्पताल पहुंचाकर बचा ली जान, गुड सेमेरिटन योजना का प्रचार प्रसार जरुरी 

मुकेश अग्रवाल

पत्थलगांव- संवेदनहीनता के इस दौर में पत्थलगांव एसडीओपी डा धुर्वेश जायसवाल, थाना प्रभारी विनीत पांडे एव सहायक लोक अभियोजक सौरभ समैया जैन ने संवेदनशीलता और मानवीयता की नई मिसाल पेश की। रात को इंसानियत और दरियादिली का उदाहरण पेश करते हुए उन्होंने सड़क हादसे में घायल युवक की मदद कर उसकी जान बचा ली। उन्होंने घायल युवक को तुरंत अस्पताल पहुंचा दिया जहां समय पर इलाज मिल जाने से युवक बच गया।बता दे की रविवार रात को रायगढ़ मार्ग में वाहन दुर्घटना में घायल एक युवक को सड़क पर पड़े तड़पता देख वे तुरंत अपनी गाड़ी रोककर मदद के लिए दौड़े। दरअसल घायल को एक अज्ञात वाहन दुर्घटना कर फरार हो गया था सड़क में घायल युवक की वजह से वहा जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी जाम में फंसे वाहन चालक घायल को तडपता देख के भी कोई मदद के लिए आगे नहीं आया वही एम्बुलेंस भी नहीं पहुंच रही थी घायल की स्थिति काफी नाजुक होते जा रही थी अधिकारियो ने मौके की गंभीरता को भांपते हुवे बुरी तरह घायल युवक को तुरंत अपनी ही गाड़ी से सिविल अस्पताल भी पहुंचाया। समय पर इलाज मिल जाने से युवक की जान बच गई। अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि युवक की हालत अब खतरे से बाहर है। इधर अधिकारियो की मानवीयता की परिजनों समेत सभी लोग सराहना कर रहे हैं।

*गुड सेमेरिटन योजना का प्रचार प्रसार जरुरी*

विदित हो की सड़क हादसा होने के बाद एक घंटे के अंदर मरीज को सही इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचने की उम्मीद सबसे अधिक हो जाती है। इसीलिए हादसे के बाद के पहले एक घंटे को गोल्डन आवर कहा जाता है। सड़क हादसों में घायलों की तत्काल मदद के उद्देश्य से आमजन को प्रेरित व प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने गुड सेमेरिटन योजना शुरू की है, लेकिन नेशनल हाईवे 43 सड़क किनारे बसे पत्थलगांव शहर में हो रहे रोजाना सड़क हादसे में आज भी लोग घायल को अस्पताल पहुंचाना तो दूर घायल की तरफ देखते तक नहीं है ताजा मामले में बीती रात सड़क पर घायल तडपता रहा,सड़क जाम लग गई ,वहा जाम में फंसे लोग प्रशासन को कोसते रहे लेकिन घायल को इलाज के लिए कोई आगे नहीं आया,पुलिस अधिकारियो ने जिस तत्परता के साथ घायल को समय पर इलाज मुहैया करवाया वह कार्य वहा आधे घंटे से खड़े मूकदर्शक नागरिक को कर देना था बता दे की गुड सेमेरिटन योजना का व्यापक प्रचार प्रसार नहीं होने से राहगीर समेत नागरिको के मध्य यह योजना गति नहीं पकड़ पा रही है।

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